SIP And Mutual Funds: आज हम आपको म्यूचुअल फंड निवेश की एक महत्वपूर्ण रणनीति सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) के बारे में बताएंगे। अगर आप SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए काफी उपयोगी और फायदेमंद साबित हो सकती है। STP आपको अपने फंड को एक म्यूचुअल फंड स्कीम से दूसरे में पूर्व निर्धारित अंतराल पर ट्रांसफर करने की सुविधा देता है, जिससे आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) क्या है?
STP एक निवेश रणनीति है, जिसके तहत निवेशक एक म्यूचुअल फंड स्कीम से अपना पैसा निकालकर नियमित अंतराल पर उसी फंड हाउस की दूसरी स्कीम में ट्रांसफर करते हैं। यह प्रक्रिया समय-समय पर होती रहती है, ताकि बाजार में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाया जा सके।
स्कीम की खास बातें
फंड का ट्रांसफर: आप अपने फंड को एक ही म्यूचुअल फंड कंपनी की अलग-अलग स्कीम के बीच ही ट्रांसफर कर सकते हैं। आप एक कंपनी की स्कीम से दूसरी कंपनी की स्कीम में फंड ट्रांसफर नहीं कर सकते।
बाजार में उतार-चढ़ाव में फायदेमंद: STP खास तौर पर गिरते बाजार में फायदेमंद होता है, क्योंकि यह आपके नुकसान को काफी हद तक कम करने में मदद करता है।
स्कीम स्विचिंग: आप एसटीपी का इस्तेमाल इक्विटी स्कीम से पैसे निकालकर उसे डेट स्कीम में ट्रांसफर करने के लिए कर सकते हैं या इसके विपरीत, आप डेट स्कीम से इक्विटी स्कीम में भी निवेश कर सकते हैं।
एसटीपी कितने प्रकार के होते हैं?
लचीला एसटीपी: इसमें आप अपनी सुविधा के अनुसार ट्रांसफर की जाने वाली राशि को बदल सकते हैं
फिक्स्ड एसटीपी: इसमें एक निश्चित राशि नियमित रूप से ट्रांसफर की जाती है।
कैपिटल सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान: यह मूल निवेश पूंजी और उस पर अर्जित ब्याज के नियमित ट्रांसफर की अनुमति देता है।
एसटीपी के लाभ
सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं, जो इसे निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं:
जोखिम प्रबंधन: एसटीपी आपको अपने निवेश के जोखिम को प्रबंधित करने में मदद करता है। जब बाजार में गिरावट होती है, तो आप अपने इक्विटी निवेश को कम जोखिम वाली स्कीम (जैसे डेट फंड) में बदलकर नुकसान को सीमित कर सकते हैं।
रिटर्न बढ़ाना: अस्थिर बाजार में, आप अधिक अस्थिर स्कीम से तुलनात्मक रूप से स्थिर स्कीम में फंड ट्रांसफर करके अपने रिटर्न को बढ़ा सकते हैं।
घाटे को कम करना: प्रतिकूल बाजार परिवेश में, यह रणनीति घाटे को कम करने में मदद करती है।
कर बचत: आप इक्विटी स्कीम से ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) में फंड ट्रांसफर करके भी कर बचत का लाभ उठा सकते हैं।