PM Vishwakarma Yojana: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने मुख्य रूप से विश्वकर्मा समुदाय के लिए की है। इसके तहत विश्वकर्मा समुदाय से जुड़े उन सभी लोगों को सहायता दी जा रही है जो अपने पारंपरिक काम से अलग हो गए हैं या आर्थिक रूप से कमज़ोर होने के कारण वित्तीय लागत नहीं जुटा पा रहे हैं।
आपको बता दें कि विश्वकर्मा योजना के तहत लोगों के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही जो लोग बेरोजगार हैं उन्हें उनके हुनर के आधार पर पारंरिक कामों से फिर से जोड़ा जा रहा है।
विश्वकर्मा योजना देशभर
विश्वकर्मा योजना देशभर के सभी राज्यों के लिए साल 2023 से लेकर अब तक यानी 2 साल तक लगातार काम कर रही है, जिसके चलते विश्वकर्मा समुदाय के लोगों के लिए काफी बेहतर काम हुआ है। इस योजना के तहत अभी भी पात्र और ज़रूरतमंद लोगों को शामिल किया जा रहा है।
सरकारी नियमों के मुताबिक विश्वकर्मा योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है, जिसके बाद ही उन्हें योजना में मिलने वाले सरकारी लाभ मिलते हैं। लोगों की सुविधा के लिए विश्वकर्मा योजना की आवेदन प्रक्रिया बिल्कुल निशुल्क पूरी की जाती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना
अगर पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत मौजूदा आंकड़ों की बात करें तो इस योजना में देश के करोड़ों लोग पंजीकृत हैं, जिनके लिए सरकार लगातार व्यवसायिक क्षेत्र में लाभ प्रदान कर रही है। केंद्रीय स्तर पर लोगों के बीच विश्वकर्मा योजना की काफी सराहना हो रही है।
विश्वकर्मा योजना देश की एक बड़ी योजना होने के कारण इससे जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी सोशल मीडिया पर उपलब्ध कराई गई है और समय-समय पर इसमें होने वाले अपडेट भी दिखाए जाते हैं। ऐसे व्यक्ति जिन्हें पीएम विश्वकर्मा योजना में किसी भी प्रकार की दुविधा है, आज हम उन सभी के लिए भी इस लेख के माध्यम से जानकारी देने जा रहे हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड लागू हैं:-
सरकारी नियमों के अनुसार, इस योजना में भारत के किसी भी राज्य का मूल निवासी ही आवेदन कर सकता है।
योजना में आवेदन करने वाला व्यक्ति विश्वकर्मा समुदाय से होना चाहिए।
अगर आयु सीमा की बात करें तो यह 18 वर्ष से अधिक और 40 वर्ष तक सीमित होनी चाहिए।
उसकी वार्षिक आय अधिक नहीं होनी चाहिए और न ही रोजगार का कोई स्थायी स्रोत होना चाहिए।
इस योजना में ज्यादातर पारंपरिक रोजगार वाले लोगों को महत्व दिया जा रहा है।