Government Scheme: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान करते हुए उन्हें रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से बचने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमें टिकाऊ कृषि की ओर बढ़ना होगा। राज्य सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए देसी गाय की खरीद पर 30 हजार रुपए तक की सब्सिडी दे रही है, ताकि वे गाय आधारित जैविक पद्धति से खेती कर सकें।
मुख्यमंत्री कुरुक्षेत्र के गांव
मुख्यमंत्री कुरुक्षेत्र के गांव बिहोली में पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने गांव के विकास के लिए 21 लाख रुपए अतिरिक्त देने की घोषणा भी की। यह पॉलीक्लिनिक 4.67 करोड़ रुपए की लागत से बना है और यहां पैथोलॉजी, सर्जरी, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
प्रदेश में पशुपालन के बुनियादी ढांचे का तेजी से विस्तार हो रहा है। हरियाणा में अब तक सिरसा, जींद, रोहतक, भिवानी, सोनीपत और रेवाड़ी में 6 सरकारी पॉलीक्लीनिक हैं। यह कुरुक्षेत्र का सातवां पॉलीक्लीनिक बन गया है। इसके अलावा जिले में 49 पशु चिकित्सालय और 72 डिस्पेंसरी संचालित हैं। सीएम सैनी ने कहा कि आज दुधारू पशुओं की कीमत लाखों में पहुंच गई है। ऐसे में गरीब किसानों के लिए उनकी खरीद और देखभाल चुनौतीपूर्ण हो गई है।
इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सरकारी पशु चिकित्सा संस्थान जरूरी हैं। दूध उत्पादन में हरियाणा बना अग्रणी देश में केवल 2.1% दुधारू पशु रखने के बावजूद हरियाणा कुल दूध उत्पादन में 5.11% का योगदान देता है।
वर्ष 2023-24 में
वर्ष 2023-24 में राज्य में 1.22 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता प्रतिदिन 1105 ग्राम है, जो राष्ट्रीय औसत (471 ग्राम) से 2.34 गुना अधिक है। दूध उत्पादकों को सब्सिडी और छात्रवृत्ति
सामान्य उत्पादकों को 5 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी
गरीब परिवारों को 10 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी
सहकारी समितियों के मेधावी छात्रों को कक्षा 10 में 80% से अधिक अंक लाने पर 2,100 रुपये की छात्रवृत्ति
कक्षा 12 में 5,100 रुपये की छात्रवृत्ति
डेयरी इकाइयों पर भी सरकार भारी सब्सिडी दे रही है
20 से 50 दुधारू पशुओं की इकाई के लिए ब्याज सब्सिडी
2, 4 और 10 पशुओं की डेयरी इकाई पर 25% सब्सिडी
हरियाणा, साहीवाल, बेलाही नस्ल की देशी गायों पर 5,000 से 20,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि
इस योजना से अब तक 16,921 पशुपालकों को लाभ मिला है